Entertainment News: बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने थिएटर मोनोपोली (थिएटर एकाथिकार) पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि हमारी फिल्मों को थिएटर्स ही नहीं मिलते. उन्हें 200-300 स्क्रीन पर रिलीज किया जाता है और फिर कह दिया जाता है कि हमारी फिल्में नहीं चलतीं. नवाज ने कहा कि हमारी फिल्मों को भी तीन हजार, पांच हजार स्क्रीन पर रिलीज करके देखिए फिर पता चलेगा हमारी कितनी डिमांड है.
हमारी फिल्म का एक शो सुबह और एक शो रात को चलता है
नवाज ने कहा कि हमारी फिल्मों का एक शो सुबह होता है और एक रात को. हमारी फिल्मों को आज तक उतनी स्क्रीनिंग मिली ही नहीं.
क्या आपको इस चीज पर गुस्सा आता है? इस सवाल पर नवाज ने कहा कि नहीं...अब यह हमारी नियति हो गई है. उम्मीद है कोई अच्छा प्रोड्यूसर हमारे साथ आएगा.
क्या लोग आपसे कहते हैं कि आपकी फिल्में बिकती नहीं?
इस सवाल पर नवाज ने कहा, 'हमारी फिल्में बिकती क्यों नहीं जब दुनिया देखना चाहती है हमारी फिल्में. ये तो आप लोगों ने और उन लोगों ने तय कर रखा है. आप हमारी फिल्म 5000 थिएटर में चलाकर दिखाएं तब आकलन कीजिए आप हमारा या मनोज बाजपेयी का कि हमारी डिमांड कितनी हैं और सप्लाई कितनी हो रही है.'
"हम तो fight इसी चीज़ की करते रहेंगे..." Nawazuddin Siddiqui hits out at theatre 'monopolisation'#ANIPodcast #SmitaPrakash #Acting #Bollywood #Cinema #NawazuddinSiddiqui #Screenings
— ANI (@ANI) September 5, 2024
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क्या मार्केट चलाने वाले भेदभाव करते हैं?
इस सवाल पर नवाज ने कहा, 'बिल्कुल, बिल्कुल भेदभाव करते हैं. देखिए दो तरह के एक्टर होते हैं, एक इंडस्ट्री का एक्टर होता है, एक पब्लिक का. पब्लिक एक्टर की फिल्म पब्लिक तक नहीं पहुंच पाती. जो इंडस्ट्री के एक्टर हैं जिनको लोग नहीं देखना चाहते उनकी फिल्में 5000 थिएयरों में रिलीज होती तो फिर क्या होगा. जहां जो फिल्म लगी होगी फिर लोग उसी फिल्म को देखने के लिए घुस जाएंगे.' नवाज ने कहा कि शायद हमको जिंदगी भर अपनी फिल्मों के लिए स्क्रीनिंग के लिए लड़ना पड़ेगा.
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