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आजमगढ़ में बिछ गई चुनावी बिसात, सपा के सामने अपने ही गढ़ को वापस पाने की चुनौती, क्या निरहुआ दे पाएंगे टक्कर?

भाजपा के लिए आजमगढ़ की सीट कितनी अहम है इसे ऐसे समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी स्मृति ईरानी के लिए एक बार भी प्रचार करने अमेठी नहीं गए लेकिन पिछले दो महीनों में उन्होंने आजमगढ़ में एक के बाद एक दो रैलियां की हैं.

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Edited By: India Daily Live
Azamgarh Lok Sabha Elections
Courtesy: social media
Azamgarh Loksabha Elections: लोकसभा चुनाव के 6 चरण के तहत 25 मई को आजमगढ़ लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है. कभी यह सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ हुआ करती थी लेकिन 2022 में हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा के हाथों में आ गई. भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था.

मोदी लहर में भी यहां कमल नहीं खिला पाई थी भाजपा

आजमगढ़ सीट पर सपा के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2014 और 2019 की मोदी लहर के समय भी भाजपा यहां कमल का फूल नहीं खिला पाई थी. 2014 में यहां से मुलायम सिंह यादव ने चुनाव जीता था, 2019 में अखिलेश यादव यहां से सांसद चुने गए. अखिलेश यादव ने निरहुआ को 2,59,874 वोटों से हराया था. 2022 में अखिलेश यादव मैनपुरी जिले के करथल से विधायक चुने गए जिसके बाद उन्होंने आजमगढ़ सीट छोड़ दी. 

2022 में निरहुआ ने पलट दी बाजी

2022 में हुए उपचुनाव में दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को पटखनी देते हुए आजमगढ़ में कमल खिलाया. हालांकि दोनों की हार जीत का अंतर बहुत ही कम था. निरहुआ ने धर्मेंद्र यादव को 8000 वोटों से मात दी थी.

सपा के सामने गढ़ को वापस पाने की चुनौती
इस बार आजमगढ़ सीट को जीतकर जहां सपा के सामने अपने गढ़ पर फिर से कब्जा जमाने की चुनौती होगी, वहीं भाजपा किसी भी कीमत पर इस सीट को हाथ से ना निकलने देने के लिए जोर लगाएगी.

भाजपा के लिए आजमगढ़ कितना अहम
भाजपा के लिए आजमगढ़ की सीट कितनी अहम है इसे ऐसे समझिए कि प्रधानमंत्री मोदी स्मृति ईरानी के लिए प्रचार करने अमेठी नहीं गए लेकिन पिछले दो महीनों में उन्होंने आजमगढ़ में एक के बाद एक दो रैलियां की हैं. यही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भाजपा उम्मीदवार निरहुआ के पक्ष में यहां जनता से वोट देने की अपील करने आए.

अब देखना यह होगी कि आजमगढ़ की जनता यहां फिर से कमल खिलाती है या सपा की साइकिल पर सवार होती है. लोकसभा चुनाव के परिणाम 4 जुन को आएंगे.