Uttar Pradesh Varanasi Lok Sabha Seat results 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आखिरकार सामने आ ही गए हैं, जहां पर बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से वाराणसी से जीत हासिल कर इस सीट पर विजयी हैट्रिक लगा दी है.
पीएम मोदी ने कांग्रेस के अजय राय को करीब डेढ़ लाख वोटों से हरा कर जीत हासिल की है. पीएम मोदी ने भले ही यहां पर तीसरी बार जीत हासिल की है लेकिन उन्हें कांग्रेस के अजय राय से कड़ी टक्कर मिली जिन्होंने यहां 5 लाख के करीब वोट हासिल किए.
2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी के लिए यह होम सीट है जहां पर लगातार दो बार से वो भारी भरकम वोटर्स से जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं. वहीं इस बार उनका सामना कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से है जो कि यूपी में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बनकर उतरे हैं.
इस लोकसभा सीट पर करीब 22,37,850 वोटर्स हैं जिसमें हिंदू जनसंख्या 75 से 80 प्रतिशत तो वहीं मुसलमान वोटर्स की जनसंख्या 20 से 25 प्रतिशत है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन वर्ग से आने वाले वोटर्स 5 प्रतिशत के अंदर आते हैं. कैटेगरी की बात करें तो यहां पर 10 प्रतिशत अनुसूचित जाति तो वहीं 90 प्रतिशत वोटर्स जनरल वर्ग से आते हैं. यहां की 65 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों से हैं तो वहीं पर 35 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों से हैं.
साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच चुनावी जंग देखने को मिली जिसमें बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने 674,664 वोट यानी 63.62 प्रतिशत वोटों के साथ अपनी जीत दर्ज की तो वहीं सपा उम्मीदवार शालिनी यादव के खाते में 195,159 वोट यानी 18.40 प्रतिशत वोट ही पड़े. वह दूसरे नंबर पर रही. 2024 में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय 2019 के चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे. वाराणसी में कुल 1,784,093 वोटर्स थे जिनमे से साल 1,060,829 वोटर्स ने ही मतदान किया था. यहां 2019 में 4,037 वोट नोटा(NOTA) पर भी डाले गए थे.
आजादी के साथ ही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल हुई वाराणसी लोकसभा सीट पर 1952 में पहली बार चुनाव आयोजित हुए थे जिस पर 1967 तक कांग्रेस का दबदबा रहा था. 1967 में इस लोकसभा सीट पर सभी को चौंकाते हुए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्कसिस्ट) के सत्य नारायण सिंह ने जीत दर्ज की. 1971 में कांग्रेस ने वापसी करते हुए राजाराम शास्त्री के दम पर जीत हासिल की तो वहीं पर 1977 में जनता पार्टी के चंद्र शेखर ने कांग्रेस से यहां सांसदी छीनी.
1980 में कांग्रेस ने वापसी करते हुए कमलपति त्रिपाठी के नेतृत्व में दोबारा जीत हासिल की तो वहीं पर 1984 में श्यामलाल यादव ने कांग्रेस के लिए जीत की लय को बरकरार रखा. 1989 में जनता दल ने अनिल शास्त्री के नेतृतव में कांग्रेस को हराया तो वहीं पर 1991 के बाद से भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर एकतरफा कब्जा जमाया. 1991 में शिरीश चंद्र दीक्षित ने बीजेपी के लिए जीत हासिल की तो शंकर प्रसाद जयसवाल ने लगातार तीन बार (1996, 1998, 1999) इस सीट पर कमल को जीत दिलाई.
2004 में जब पहली बार बीजेपी ने अपना कार्यकाल पूरा किया तो यहां पर कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने करीब एक दशक बाद पहली जीत दिलाने का काम किया तो वहीं 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने बीजेपी के लिए फिर से इस सीट को हासिल करने का काम किया. 2014 में नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस सीट से नामांकन भरा और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की. 2019 में पीएम मोदी ने सपा की शालिनी यादव को 5 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार इस सीट पर कब्जा जमाया.