Russia Education System: दुनिया में हर युवा का सपना होता है कि वह अच्छी शिक्षा हासिल कर एक सफल करियर बनाए. शिक्षा को समाज में ऊंचा दर्जा दिया गया है, लेकिन क्या होगा जब आपकी मेहनत से हासिल की गई डिग्री का कोई महत्व ही न हो?
कुछ देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद युवाओं को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में डिग्री 'रद्दी' जैसी महसूस होने लगती है.
कुछ देशों में शिक्षा प्रणाली इतनी कमजोर है कि डिग्री मिलने के बाद भी छात्र व्यावसायिक रूप से योग्य नहीं बन पाते. शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई इतनी गहरी है कि नौकरियों की तलाश में लगे युवाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है. इन देशों में न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी है, बल्कि उद्योगों की आवश्यकताओं और शिक्षा के बीच तालमेल का भी अभाव है.
शिक्षा प्रणाली में गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम, अनुभव आधारित सीखने और उद्योगों के साथ तालमेल की भारी कमी है. इसके अलावा, शिक्षकों की गुणवत्ता और शिक्षा के बुनियादी ढांचे में भी सुधार की आवश्यकता है. ऐसे में युवाओं के पास डिग्री तो होती है, लेकिन वे रोजगार के लिए आवश्यक कौशल से वंचित रह जाते हैं.
जब युवा डिग्री हासिल करने के बाद भी नौकरी के लिए संघर्ष करते हैं, तो यह न केवल उनके आत्मविश्वास को चोट पहुंचाता है, बल्कि मानसिक तनाव का भी कारण बनता है. इस स्थिति से निपटने के लिए कई युवा दूसरे देशों में पलायन करने का प्रयास करते है.
इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकारों और शिक्षण संस्थानों को मिलकर काम करना होगा. उद्योगों के साथ साझेदारी कर छात्रों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए. इसके अलावा, शिक्षा प्रणाली को व्यवहारिक और उद्योग आधारित बनाने की आवश्यकता है.
युवाओं को यह समझना होगा कि केवल डिग्री हासिल करना पर्याप्त नहीं है. रोजगार पाने के लिए सही कौशल, व्यावसायिक ज्ञान और अनुकूलन क्षमता भी जरूरी है. यदि शिक्षा और रोजगार के बीच सामंजस्य बैठाया जाए, तो कोई भी डिग्री रद्दी नहीं होगी, और युवा अपने भविष्य को एक नई दिशा दे सकेंगे.