8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़ी खबर है. केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन के लिए समिति का गठन करने का निर्णय लिया है. यह फैसला करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.
8वें वेतन आयोग का गठन और लाभ
क्या है फिटमेंट फैक्टर और इसकी भूमिका?
आधिकारिक रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के अंतर्गत फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है, तो वर्तमान न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक जा सकती है. फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की गणना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
7वें वेतन आयोग के मुख्य बिंदु
लागू होने का वर्ष: 2016
न्यूनतम मासिक वेतन: 18,000 रुपए
अधिकतम मासिक वेतन: 2.5 लाख रुपए (कैबिनेट सचिव के लिए)
फिटमेंट फैक्टर: 2.57
भत्ते और अनुदान: एचआरए समेत सभी भत्तों में सुधार
ग्रेच्युटी की सीमा: 20 लाख रुपए
पेंशन: संशोधित और महंगाई भत्ते के आधार पर समायोजित
8वें वेतन आयोग से उम्मीदें
कर्मचारी संघ और पेंशनर्स ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा को लेकर उत्साह व्यक्त किया है. केंद्रीय और राज्य स्तर के कर्मचारी इस आयोग से अपने वेतन में अधिक वृद्धि और भत्तों में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं.
6ठा वेतन आयोग बनाम 7वां वेतन आयोग
6ठा वेतन आयोग
लागू होने का वर्ष: 2006
फिटमेंट फैक्टर: 1.86
न्यूनतम वेतन: 7,000 रुपए प्रति माह
अधिकतम वेतन: 80,000 रुपए (सचिव स्तर के लिए)
ग्रेच्युटी सीमा: 10 लाख रुपए
7वां वेतन आयोग
लागू होने का वर्ष: 2016
फिटमेंट फैक्टर: 2.57
न्यूनतम वेतन: 18,000 रुपए प्रति माह
अधिकतम वेतन: 2.5 लाख रुपए
कर्मचारी और पेंशनर्स की उम्मीदें
8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन और बेहतर भत्तों की उम्मीद है. नए वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते और अन्य वित्तीय लाभों में भी वृद्धि होने की संभावना है. केंद्र सरकार का यह फैसला कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बड़े तोहफे के रूप में देखा जा रहा है. यह आगामी केंद्रीय बजट में भी चर्चा का मुख्य विषय हो सकता है.