Anand Mahindra: उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन की 'सप्ताह 90 घंटे काम करने' वाले बयान पर शनिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि, 'ध्यान काम की गुणवत्ता पर होना चाहिए, न कि इस बात पर कि कितने घंटे काम किया जाना चाहिए.'
'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2025' में फर्स्टपोस्ट की प्रबंध संपादक पलकी शर्मा से बात करते हुए महिंद्रा समूह के चेयरमैन ने ये जवाब दिया.
‘मेरी पत्नी बहुत ही अच्छी हैं। मैं उनको देखता रहता हूँ. बहस Quality Of Work पर होनी चाहिए, Quantity पर नहीं’
— Sanket Upadhyay (@sanket) January 11, 2025
L&T प्रमुख के ‘90 घंटा काम’ ‘बीवी को कब तक देखोगे’ जैसे बयान पर बोले Industrialist @anandmahindra pic.twitter.com/qhf9Kh93qg
मुझसे यह मत पूछें कि मैंने कितने घंटे काम किया -आनंद महिंद्रा
एक हफ्ते में वह कितने घंटे काम करते हैं, इस पर अपनी राय देते हुए महिंद्रा ने कहा, 'मैं यही सवाल टालना चाहता था. मैं नहीं चाहता कि यहां समय के बारे में बात हो. मैं नहीं चाहता कि काम मात्रा के बारे में हो आप मुझसे मेरे काम की गुणवत्ता के बारे में पूछें. मुझसे यह मत पूछें कि मैंने कितने घंटे काम किया है'
काम की गुणवत्ता पर दिया जाए ध्यान
उद्योगपति उन कई अन्य लोगों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने कार्य-जीवन संतुलन पर टिप्पणी की है, जिनमें राजनेता और मशहूर हस्तियां शामिल हैं. इससे पहले एलएंडटी के चेयरमैन ने 90 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत करते हुए एक नई बहस छेड़ दी थी और सुझाव दिया था कि कर्मचारियों को रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनका कहना है कि हमें काम की मात्रा पर नहीं, बल्कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इसलिए यह 48, 40 घंटे, 70 घंटे या 90 घंटे की बात नहीं है. अगर यह 10 घंटे भी है तो आप क्या परिणाम दे रहे हैं? आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं.'
सोशल मीडिया पर कैसे बिताते हैं इतना वक़्त
इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि वह एक्स पर कितना समय बिताते हैं, तो महिंद्रा ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के लिए नहीं हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि यह एक अद्भुत व्यावसायिक उपकरण है। उन्होंने कहा, "मैं सोशल मीडिया पर एक्स पर इसलिए नहीं हूं कि मैं अकेला हूं। मेरी पत्नी अद्भुत है, मुझे उसे देखना अच्छा लगता है। मैं उसके साथ अधिक समय बिताता हूं। इसलिए मैं यहां दोस्त बनाने नहीं आया हूं। मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि लोग यह नहीं समझते कि यह एक अद्भुत व्यवसायिक साधन है.'
एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने की थी सप्ताह नें 90 घंटे काम करने की वकालत
सोशल मीडिया परवायरल एक वीडियो में एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहा था कि, 'आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देखेंगे? अगर मैं आपसे रविवार को काम करवा सकूं, तो मुझे ज्यादा खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं. आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देखेंगे? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक घूर सकती हैं? चलो, ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो.'
नारायणमूर्ति घराने के लेटेस्ट चिराग- 7 day working & 90 hour work week वाले नए Corporate Uncle पर एक वीडियो आ रहा है। बहुत डिटेल में। जल्द। बात वो होगी जो सही हो, लोकप्रिय नहीं। pic.twitter.com/qo41gfcKTB
— Sanket Upadhyay (@sanket) January 9, 2025
राजीव बजाज ने भी काम की गुणवत्ता पर दिया जोर
शुक्रवार को बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने भी कहा कि काम के घंटे नहीं, बल्कि काम की गुणवत्ता मायने रखती हैं. एक इंटरव्यू में राजीव बजाज ने कहा था कि, '90 घंटे की शुरुआत ऊपर से होनी चाहिए' उन्होंने आगे कहा, 'काम के घंटों की संख्या मायने नहीं रखती, काम की गुणवत्ता मायने रखती है.'