Bhadrapaksha Chaturthi 2023 : धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चांद देखने की मनाही होती है. कहते हैं इस दिन चांद नहीं देखा जाना चाहिए. इस दिन गणेश चतुर्थी भी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भी गलती से चंद्रमा को देख लिया था. इस कारण उनपर मिथ्या आरोप लगा था. इस आरोप से मुक्ति के लिए उन्होंने पूरे विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की थी. इससे उन्हें इस आरोप से मुक्ति मिली थी.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार गणेश चतुर्थी यानी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चांद देखने से मना किया जाता है. श्री गणेश की कथा के अनुसार वास्तव में गणेश जी ने चंद्र को श्राप दिया था. इस कारण इस दिन चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए.
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवाान गणेश यात्रा कर रहे थे. उसी समय रास्ते में उन्हें चंद्रदेव मिले. चंद्रमा को अपनी सुंदरता पर काफी घमंड था. चंद्रमा ने जब गणेश जी को छोटे से चूहे पर सवार होकर आड़ी-तिरछी चाल चलते देखा, तो वो हंसने लगे. अपने सौंदर्य पर गर्व करते हुए गणेश जी का मजाक बनाने लगे. इसको देखकर गणेश जी ने चंद्रदेव को श्राप दे दिया कि उनका रूप और रंग समाप्त हो जाए.
चंद्रमा के श्रापित होने से चारों लोकों में हाहाकार मच गया. चंद्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ, वे काफी उदास हो गए और भगवान गणेश से क्षमा की प्रार्थना करने लगें. इसपर गणेश जी ने उनको श्राप से मुक्ति के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत रखने की सलाह दी. इस प्रकार चंद्रमा ने गणेश चतुर्थी का व्रत रखा था. गणेश के श्राप के कारण ही चतुर्थी को चांद नहीं देखना चाहिए. इस दिन भूलकर भी चंद्रमा को नहीं देखना चाहिए.
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