November Pancha : छठ महापर्व का त्योहार संपन्न हो गया. 17 नवंबर से शुरू हुआ छठ 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य के साथ विदा हुआ. 4 दिन बहुत ही महत्वपूर्ण रहे हैं. लेकिन छठ समाप्त होते ही पंचक की शुरुआत भी हो हो चुकी है. पंचक के पांच दिन बहुत ही अशुभ होते हैं. इस समय बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है. पंडितों की मानें तो इस अवधि में शुभ कार्य नहीं किया जाता. गृह प्रवेश, शादी विवाह, घर में पूजा रखना आदि शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है.
धार्मिक मान्यताओं की माने तो प्रत्येक माह में 5 दिन अशुभ होते हैं. इसलिए इन्हें पंचक कहा जाता है. पंचक में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है. 20 नवंबर से ही पंचक लग गए हैं. ऐसा कहा जाता है कि अगर पंचक काल के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार पर बहुत बड़ा संकट आ जाता है.
ज्योतिषाचार्यों की माने तो धनिष्ठा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, रेवती और शतभिषा नक्षत्रों में जब चंद्रमा गोचर करते हैं तो पंचक लग जाता है. ये पांचों नक्षत्र बहुत ही अशुभ माने जाते हैं. इसके अलावा जब मीन और कुंभ राशि में चंद्रमा प्रवेश करता है तो भी पंचक लगता है. नक्षत्रों की चाल को देखें तो 27 दिनों के अंतराल पर पंचक लगता है.
20 नवंबर सुबह 10 बजकर 7 मिनट से शुरू हुए पंचक 25 नवंबर दिन शुक्रवार को शाम 4 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होंगे. इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करने से बचें नहीं तो बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
इस बार पंचक की शुरुआत सोमवार से हुई है. इसलिए इसे रोज पंचक कहा जाता है. वहीं, अगर पंचक की शुरुआत रविवार से होती है तो इसे रोग पंचक कहते हैं. अगर इसकी शुरुआत मंगलवार से होती है तो इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.
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