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भाद्रपद माह की शिवरात्रि पर कर लें ये उपाय, भोलेनाथ दूर कर देंगे आपकी सारी समस्याएं

हर महीने में कष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है.

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Mohit Tiwari
Last Updated : 12 September 2023, 09:43 AM IST
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नई दिल्ली. हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ का पूजन करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं. इसके साथ ही मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस साल भाद्रपक्ष माह की शिवरात्रि 13 सितंबर का पड़ रही है. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. भगवान भोलेनाथ भक्तों पर कृपा करते हैं.

कब है भाद्रपद माह की शिवरात्रि?

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 13 सितंबर को सुबह 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि 14 सितंबर को शाम 4 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी. भाद्रपद माह में भोलेनाथ का पूजन रात्रि में किया जाना चाहिए. इस कारण मासिक शिवरात्रि का व्रत 13 सितंबर को रखा जाएगा.

पूजा का शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि के दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त 14 सितंबर को मध्यरात्रि 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा.

शिवरात्रि पर ऐसे करें पूजन

1- मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी सोकर उठें. इसके बाद स्नान करके साफ कपड़े पहनें.

2- इसके बाद माता पार्वती और शिवजी की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं.

3- शिवलिंग का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें.

4- महादेव को बेलपत्र. धतूरा और शमी पत्र अर्पित करें.

5- शिवजी के मंत्रों का जाप करने के साथ ही भोग लगाएं.

6- सभी भगवानों की आरती उतारें.

शिवरात्रि पर करें ये उपाय

राहुदोष से मिलेगी मुक्ति- शिवरात्रि के दिन किए गए विशेष उपाय भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं. अगर आपकी कुंडली में राहुदोष है तो मासिक शिवरात्रि के दिन निशिता काल मुहूर्त में पानी के अंदर दूर्वा और कुश मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें. मान्यता है कि इस उपाय से राहुदोष से शांति मिलती है.

शनि का अशुभ प्रभाव भी होता है दूर- मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करने के बाद शमी के पत्ते चढ़ाएं. इस उपाय से कुंडली में ढैय्या, साढ़े साती और शनि का अशुभ प्रभाव दूर होता है.

मंगल दोष से मिलती है मुक्ति- हर माह की शिवरात्रि पर पानी में लाल चंदन, गंगाजल गुड़ मिलाकर भोलेनाथ का अभिषेक करें. इसके साथ ही ओम नमो भगवके रुद्राय नम: का जाप करें. ऐसा करने से मंगल दोष दूर हो जाता है.

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.