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दुशासन को खत्म करके बाद क्यों भीम पीने लगे थे उसका खून? वजह खड़े कर देगी रोंगटे

महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र की रणभूमि की कई कथाओं को आज भी पढ़ा जाता है. उन्हीं में से एक ऐसी घटना थी जिसे बहुत ही ज्यादा भयावह माना गया. जब भीम दुशासन का वध कर दिया उसके बाद वो उसका खून पीने लगते हैं. हालांकि इसका जवाब बहुत कम लोग जानते हैं. कई अनोखी घटनाओं की गवाह बनी, लेकिन इनमें से एक सबसे भयावह और प्रतीकात्मक दृश्य था भीम द्वारा दुशासन का वध और उसका लहू पीना.

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Edited By: Reepu Kumari
Mahabharata Story
Courtesy: Pinteres

Mahabharata Story: महाभारत के युद्ध में कुरुक्षेत्र की रणभूमि कई अनोखी घटनाओं की गवाह बनी, लेकिन इनमें से एक सबसे भयावह और प्रतीकात्मक दृश्य था भीम द्वारा दुशासन का वध और उसका लहू पीना.

यह घटना न केवल पांडवों और कौरवों के बीच की दुश्मनी को चरम पर ले जाती है, बल्कि उन भावनाओं को भी प्रकट करती है जो वर्षों से दबे हुए प्रतिशोध की आग में जल रही थीं. लेकिन इसका जवाब बहुत कम लोग जानते हैं कि भीम ने ऐसा क्यों किया. 

द्रौपदी का चीरहरण

महाभारत के अनुसार, द्रौपदी का चीरहरण महाभारत युद्ध की प्रमुख वजहों में से एक था. दुशासन ने दुर्योधन के आदेश पर सभा में द्रौपदी का अपमान किया और उनका वस्त्र हरने का घिनौना प्रयास किया था.

इस घटना ने पांडवों को विशेषकर भीम को आहत किया और उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि एक दिन वे दुशासन का सीना चीरकर उसका रक्त पिएंगे. यही कारण था कि युद्ध में जब भीम का सामना दुशासन से हुआ, तो भीम के भीतर का प्रतिशोध उफान पर था.

भीम ने दी दुशासन को चुनौती 

कुरुक्षेत्र के युद्ध में भीम ने दुशासन को चुनौती दी और पूरी शक्ति से उस पर वार किया. दुशासन भीम की शक्ति और क्रोध का सामना नहीं कर सका और अंत में पराजित हो गया. भीम ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए दुशासन का सीना चीरकर उसका रक्त अपने हाथों में लिया और उसे पी लिया. यह दृश्य युद्धभूमि में मौजूद हर योद्धा के लिए डर और सम्मान का प्रतीक बन गया. भीम का यह कार्य केवल प्रतिशोध की भावना को दर्शाता है, बल्कि यह उस अपमान का भी प्रतिकार था जो उनकी पत्नी द्रौपदी को सहना पड़ा था. भीम के इस कदम ने उस समय के लोगों के मन में यह संदेश छोड़ा कि अधर्म और स्त्री का अपमान कभी माफ नहीं किया जाएगा.