Shardiya Navratri 2023 : मां दुर्गा के नौवें स्वरूप को मां सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है. नवरात्रि की नवमी पर मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. मां का यह स्वरूप सिद्धियां प्रदान करने वाला है. मां की पूजा से सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो जाती है. इसके साथ ही मां का पूजन लौकिक-परलौकिक सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है. इसके साथ ही मां की पूजा से यश, बल, कीर्ति और धन मिलता है.
शारदीय नवरात्रि 2023 की नवमी तिथि 22 अक्टूबर 2023 की शाम 07 बजकर 58 मिनट से शुरू हो जाएगी और इसका समापन 23 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के आधार पर 23 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी.
नवरात्रि की नवमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 07 बजकर 51 मिनट तक है. इसके अलावा दोपहर में पूजा का मुहूर्त 01 बजकर 30 मिनट से 02 बजकर 55 मिनट तक है.
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को साफ करें. मां सिद्धिदात्री की विधिवत् पूजा करें. इसके बाद मां को फल, फूल और भोग अर्पित करें. अंत में मां की आरती करें. माता के पूजन से सभी कार्य सिद्ध होते हैं.
1- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।
2- ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।
3-वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम् ।
4- कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम् ।।
5- या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता ।
6- नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को नारियल, पंचामृत और पुआ का भोग लगाना चाहिए. इससे माता प्रसन्न होती हैं.
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