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सावन के पहले सोमवार को कैसे बनाएं खास, ऐसे करें पूजा तो बरसेगी कृपा

Somwar 2023: सावन मास की शुरुआत हो गई है और 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवारी का दिन है. इस दिन शिव जी की पूजा करने का विशेष महत्व है.

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Avinash Kumar Singh
Last Updated : 09 July 2023, 01:06 AM IST
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नई दिल्ली: सावन मास की शुरुआत हो गई है और 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवारी का दिन है. इस दिन शिव जी की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस साल सावन पूरे 59 दिन का होगा और इस दौरान  8 सोमवारी पड़ रहे हैं. सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को पड़ रहा है. वहीं आखिरी सावन सोमवार 28 अगस्त 2023 को पड़ रहा है.

सावन के पहले सोमवार का क्या है महत्व

सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं. इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है. कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छायी हो, अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है.

सावन सोमवार का पहला व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. इस दिन रवि नामक सुंदर योग बन रहे हैं और पंचक काल भी समाप्त हो रहा है. साथ ही गुरु और चंद्रमा के एक राशि में होने पर गजकेसरी नामक शुभ योग भी बन रहा है. जिससे सावन के पहले सोमवार का महत्व और बढ़ गया है. इसके साथ ही पुरुषोत्तम मास के स्वामी श्रीहरि हैं, जिससे सावन में हरि और हर दोनों की कृपा प्राप्त करने का शुभ संयोग बन रहा है.

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हिंदू कैलेंडर में क्या है सावन का महत्व

हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना जो साल के सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. उसे हम 'सावन' या 'श्रावण' मास के नाम से जानते है. इस महीने में प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने और भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है. भोलेनाथ को यह महीना बेहद प्रिय है इसीलिए यह महीना महादेव को समर्पित माना जाता है.

सोमवार के दिन केसै करें भगवान शिव की पूजा

सावन मास में सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठने के बाद, भक्तों को स्नान करना चाहिए और अपने पूजा कक्ष की साफ-सफाई करनी चाहिए. उसके बाद शिवलिंग पर जल, दूध, चीनी, घी, दही, शहद, जनेऊ (पवित्र धागा), चंदन, फूल, बेलपत्र, लौंग, इलायची, मिठाई आदि पूजा की सामग्री चढ़ानी चाहिए और शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए. भगवान शिव के खास दिन सोमवार के दिन को उपवास रखने वाले भक्त अपना उपवास तोड़ सकते हैं और शाम को 'व्रत भोजन' कर सकते हैं.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे वर्ष शिव पूजा का जो पुण्य मिलता है, वह सावन सोमवार में भगवान शिव का जलाभिषेक और बेलपत्र अर्पित करने से प्राप्त हो जाता है. 

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