Bhai Dooj 2024: भैया दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और सुरक्षा की भावना का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई के सुख, समृद्धि और लंबी उम्र की कामना करती हैं. हालांकि, कई बार बहनें अपने भाइयों से दूर होती हैं और मिल नहीं पातीं. ऐसी स्थिति में भी भैया दूज की पूजा विधि-विधान से करना चाहिए. इसके लिए बहन को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके तैयार होना चाहिए और पूजा स्थल को साफ-सुथरा करना चाहिए. बिना स्वच्छता के पूजा करना उचित नहीं माना जाता.
अगर भाई दूर है, तो बहनें पूजा में भाई के प्रतीक स्वरूप नारियल के गोले का इस्तेमाल कर सकती हैं. जितने भाई हैं, उतने गोले लेकर घर के पूजा स्थल में चौकी पर लाल या पीले कपड़े पर उन्हें रख दें. इसके बाद गंगाजल से गोले का स्नान कराएं और फूल, चावल आदि अर्पित करें. फिर गोले को रोली और चावल से तिलक करें, जैसे भाई को तिलक किया जाता है. गोले को भाई का प्रतीक मानकर उसकी आरती उतारें और मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के बाद गोले को लाल कपड़े से ढककर भाई की लंबी उम्र की कामना करें.
इस साल 2024 में भैया दूज का सबसे शुभ मुहूर्त 3 नवंबर को दोपहर 1:10 बजे से 3:22 बजे तक रहेगा, जो तिलक करने के लिए शुभ माना गया है. शास्त्रों में शाम के समय या सूर्यास्त के बाद तिलक करने से बचने की सलाह दी गई है, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता.
अगर संभव हो, तो पूजा के बाद इस गोले को भाई तक पहुंचा दें. शास्त्रों के अनुसार, भाई की अनुपस्थिति में इस प्रकार से पूजा करने पर भी भाई-बहन को शुभ फल प्राप्त होते हैं. यह पूजा भाई के प्रति बहन के स्नेह और आशीर्वाद को दर्शाती है, जिससे भाई-बहन का रिश्ता और भी मजबूत होता है.
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